अन्नपूर्णा सेवाथाली योजना
प्रिय सज्जनों,
“भूख से बड़ी कोई पीड़ा नहीं, और अन्नदान से बड़ा कोई दान नहीं।”
जब कोई श्रमिक, वृद्ध या मासूम बच्चा गरम भोजन की थाली से तृप्त होता है,
तो केवल उसका पेट ही नहीं भरता, उसकी आत्मा भी आशीर्वाद और संतोष से भर जाती है।
शास्त्रों की वाणी और अन्नदान का फल
“अन्नं हि प्राणिनां प्राणः प्राणदानसमं स्मृतम्।
तस्मादन्नं विशेषेण दानानां परिकीर्तितम्॥” (महाभारत)
👉 अन्न ही सब प्राणियों का प्राण है। अतः अन्नदान = प्राणदान का फल।
“अन्नं दत्त्वा हि विप्राणां कोटिजन्मकृतं मलम्।
नश्यत्येव न संशयो हुतं चैव फलं लभेत्॥” (गरुड़ पुराण)
👉 अन्नदान से करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट होते हैं और यज्ञफल की प्राप्ति होती है।
“अन्नं दत्त्वा च विप्राय सर्वपापैः प्रमुच्यते।
येन तृप्तो भवेत् प्राणी तेन स्वर्गं स गच्छति॥” (स्कन्दपुराण)
👉 जो भूखे को अन्न देता है, वह पापों से मुक्त होकर स्वर्गलोक को प्राप्त करता है।
“अन्नदानं परं दानं क्षुधितस्य विशेषतः।
क्षुधार्तस्य प्रदत्तं हि स्वर्गलोकप्रदं स्मृतम्॥” (पद्मपुराण)
👉 भूखे को दिया गया अन्नदान सीधा स्वर्गलोक दिलाता है।
“अन्नं हि प्राणिनां प्राणः।” (मनुस्मृति)
👉 अन्न ही सब प्राणियों का प्राण है।
🍛 सेवा थाली का स्वरूप
सेवा विवेक ग्राम विकास केंद्र मात्र ₹35 में भरपेट भोजन परोसता है –
➡ दाल
➡ चावल
➡ रोटी / भाकरी
➡ सब्ज़ी
👉 यह भोजन केवल पेट भरने तक नहीं, बल्कि आत्मा तृप्त होने तक परोसा जाता है।
👉 एक थाली की वास्तविक लागत ₹110 है।
संस्था ₹75 वहन करती है और शेष ₹35 लेकर थाली दी जाती है।
💠 यदि आप पूरे ₹110 देते हैं, तो वह थाली पूर्णत: आपके दान से परोसी जाएगी।
🙏 आप कैसे सहभागी बन सकते हैं?
• 1 थाली =₹110/- (पूर्ण दानदाता थाली)
• 11 थाली =₹1210/-
• 21 थाली =₹2310/- • 51 थाली =₹5610/-• 101 थाली =₹11110/-• 501 थाली =₹55110/-• 1101 थाली =₹121110/-•
👉 आपका सहयोग सीधे ज़रूरतमंदों की भूख मिटाकर, आपको यज्ञफल, स्वर्ग और पापमोचन का लाभ देगा।
✨ अन्नदान से प्राप्त पुण्य
• यज्ञ के समान पुण्य
• पापों का क्षय
• स्वर्गलोक की प्राप्ति
• प्राणदान का फल
• आत्मिक संतोष और शाश्वत पुण्य
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आइए…
“अन्नपूर्णा सेवाथाली योजना” से जुड़ें।
आपका दान किसी भूखे के लिए जीवन का संबल और आत्मा की तृप्ति बनेगा,
और आपके लिए शास्त्रों द्वारा वंदित सर्वोच्च पुण्य।
🙏 आपका सहयोग = किसी की तृप्ति, किसी की मुस्कान, किसी का आशीर्वाद। 🙏